आगरा के 8 इलाके बने ज़हरीले धुएं के हॉटस्पॉट, हवा में 44 गुना ज्यादा कार्बन मोनोऑक्साइड – tajupdate.in
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आगरा के 8 इलाके बने ज़हरीले धुएं के हॉटस्पॉट, हवा में 44 गुना ज्यादा कार्बन मोनोऑक्साइड

आगरा की हवा का हाल बेहद चिंताजनक हो गया है। शहर के कई हिस्सों में प्रदूषण ने खतरनाक स्तर को छू लिया है। खासतौर पर आठ जगहों की हवा इतनी खराब हो चुकी है कि यहां कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सामान्य से 44 गुना ज्यादा दर्ज किया गया है। स्मार्ट सिटी के सेंसर और यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के आंकड़ों में भारी अंतर ने इस समस्या को और उलझा दिया है।

किस जगह है सबसे ज्यादा प्रदूषण?

स्मार्ट सिटी के पर्यावरण सेंसर ने आठ जगहों पर हवा को “बहुत खराब” श्रेणी में रखा है। इन जगहों में ताजमहल के पास पुरानी मंडी, सिकंदरा चौराहा, आईएसबीटी, राजा मंडी, कलाकृति और संजय प्लेस जैसी जगहें शामिल हैं।
संजय प्लेस का उदाहरण लें तो यहां एक्यूआई (Air Quality Index) 309 तक पहुंच गया। वहीं आईएसबीटी पर यह 386 के खतरनाक स्तर पर है। श्मशान घाट का हाल सबसे बुरा है, जहां एक्यूआई 410 तक दर्ज हुआ।

यूपीपीसीबी और स्मार्ट सिटी के आंकड़ों में अंतर

यूपीपीसीबी के स्टेशनों के मुताबिक आगरा के कई हिस्सों में एक्यूआई 100 से 122 के बीच है।
स्मार्ट सिटी के सेंसर इन आंकड़ों से बिल्कुल अलग तस्वीर दिखाते हैं। दोनों के आंकड़ों में तीन गुना तक का अंतर है, जो हवा की वास्तविक स्थिति को समझने में मुश्किल पैदा करता है।
यूपीपीसीबी के अनुसार दयालबाग और रोहता की हवा बेहतर है। लेकिन रोहता में इनर रिंग रोड के निर्माण के चलते भारी धूल उड़ रही है।

कार्बन मोनोऑक्साइड का खतरनाक स्तर

सबसे बड़ी चिंता की बात कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर है। शहर के कई हिस्सों में यह सामान्य से 44 गुना तक ज्यादा है। कार्बन मोनोऑक्साइड सांस की गंभीर बीमारियां और दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है।
संजय प्लेस और सिकंदरा जैसे इलाकों में हवा में इस ज़हरीली गैस का स्तर बेहद खतरनाक पाया गया है।

एक्यूआई डेटा (यूपीपीसीबी के अनुसार)

  1. मनोहरपुर – 87
  2. रोहता – 85
  3. संजय प्लेस – 101
  4. आवास विकास – 122
  5. शाहजहां पार्क – 101
  6. शास्त्रीपुरम – 109

स्मार्ट सिटी सेंसरों के आंकड़े

  1. श्मशान घाट – 410
  2. पुरानी मंडी – 308
  3. संजय प्लेस – 309
  4. स्टेट बैंक जोनल – 321
  5. सिकंदरा – 309
  6. राजा मंडी – 316
  7. कलाकृति – 330
  8. आईएसबीटी – 386

प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है?

  • निर्माण कार्य: रोहता और संजय प्लेस जैसे इलाकों में निर्माण कार्य के कारण भारी मात्रा में धूल और मलबा उड़ रहा है।
  • वाहनों की बढ़ती संख्या: ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ा है।
  • कार्बन मोनोऑक्साइड: वाहनों से निकलने वाला धुआं इस गैस की मात्रा को खतरनाक स्तर तक बढ़ा रहा है।
  • सर्दियों का मौसम: ठंड में हवा की परतें नीचे रुक जाती हैं, जिससे प्रदूषित कण वातावरण में ही रह जाते हैं।

विशेषज्ञों की सलाह

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी हवा में ज्यादा समय तक बाहर रहना खतरनाक हो सकता है। बुजुर्ग, बच्चे और अस्थमा से पीड़ित लोगों को खासतौर पर सतर्क रहना चाहिए।
अगर जरूरी न हो तो घर से बाहर निकलने से बचें। बाहर निकलते समय N95 मास्क का इस्तेमाल करें। खुले में व्यायाम करने से बचें और घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं।

समाधान की जरूरत

आगरा जैसे ऐतिहासिक शहर में बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर तत्काल कदम उठाने होंगे। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण और औद्योगिक प्रदूषण पर सख्त नियम लागू करना बेहद जरूरी है।
आगरा में प्रदूषण को काबू में लाने के लिए शहरवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। कम से कम वाहनों का इस्तेमाल करें और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनें।

अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है। आगरा का यह हाल न केवल यहां के निवासियों के लिए खतरनाक है, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक धरोहरों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है।

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