ताज कन्वेंशन सेंटर में आयोजित आठ राज्यों के पंचायत सम्मेलन में मंच पर कुर्सी न मिलने से भाजपा के दो विधायकों का गुस्सा फूट पड़ा। कार्यक्रम में मौजूद विधायक चौधरी बाबूलाल और छोटे लाल वर्मा ने मंच पर बुलाए जाने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध किया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में पंचायत राज विभाग के अधिकारियों की जमकर आलोचना की और अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया।
सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से हुआ था। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों में सुविधाओं को मजबूत करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और प्रदेश के पंचायत राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने की। मंच पर अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग भी मौजूद थे। सभागार में करीब 200 प्रतिनिधि बिहार, कर्नाटक और अरुणाचल प्रदेश सहित आठ राज्यों से आए हुए थे।
मंच संचालन के दौरान भाजपा विधायक पक्षालिका सिंह को मंच पर बुलाने की घोषणा की गई। इस पर मंच के सामने सोफे पर बैठे विधायक चौधरी बाबूलाल और छोटे लाल वर्मा ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पांच बार विधायक रहने के बावजूद उन्हें मंच पर नहीं बुलाया गया, जबकि पहली बार की विधायक को बुलाया गया। इस पर पक्षालिका सिंह मंच पर नहीं गईं और अपने स्थान पर ही बैठी रहीं।
गुस्साए विधायकों ने सम्मेलन का बहिष्कार करने तक की धमकी दे डाली। छोटे लाल वर्मा ने यह भी कहा कि सरकार उनकी वजह से चल रही है और उन्हें इस तरह अपमानित करना अनुचित है। उनकी नाराजगी देख कार्यक्रम में मौजूद सभी लोग चौंक गए।
पंचायत राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मंच छोटा होने के कारण सभी विधायकों को स्थान देना संभव नहीं था। इसलिए उनके लिए आगे की पंक्ति में सोफे लगाए गए थे। लेकिन इस सफाई से विधायकों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
कार्यक्रम का यह अप्रत्याशित मोड़ सभी के लिए चर्चा का विषय बन गया। प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी विधायकों के इस व्यवहार पर आश्चर्य जताया। पंचायत सम्मेलन का उद्देश्य विकास और संवाद था, लेकिन यह विवादों में घिर गया।