आगरा में दवाइयों में मिलावट का मामला गंभीर होता जा रहा है। पिछले छह महीनों में 28 दवाइयों के नमूने जांच में फेल पाए गए हैं। इनमें कफ सिरप, टैबलेट और कैप्सूल जैसी दवाइयां शामिल हैं। सोमवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जिला स्तरीय कमेटी की बैठक में इसका खुलासा किया गया। औषधि प्रशासन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश की।
हाल ही में आगरा में नकली दवाओं की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इस फैक्ट्री से करीब 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकली दवाइयां जब्त की गई थीं। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने अध्यक्षता की। औषधि निरीक्षकों ने बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान अब तक 30 छापेमारी अभियान चलाए गए। अकेले अक्तूबर तक 20 छापे मारे गए, जिनमें तीन मामलों में केस दर्ज किए गए।
नकली दवाइयों की जांच का भयावह आंकड़ा
1 अप्रैल 2024 से अक्तूबर 2024 तक जांचे गए 28 दवाइयों के नमूने अधोमानक पाए गए। इनमें से आठ मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पिछले 3.5 वर्षों में 127 केस अदालत में लंबित हैं। इनमें से 69 मामलों में गवाहियां हो रही हैं, जबकि 58 में आरोपपत्र दाखिल हो चुके हैं।
अस्पतालों में चल रहे मेडिकल स्टोर्स पर बेची जा रही मोनीपोली दवाओं की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। औषधि प्रशासन का मानना है कि इन दवाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नियमित निरीक्षण बेहद जरूरी है।
खाद्य पदार्थों में भी बढ़ रही मिलावट
दवाइयों के अलावा खाद्य पदार्थों में भी मिलावट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2024-25 में अब तक 289 निरीक्षण किए गए। इन निरीक्षणों में 435 नमूने जांचे गए, जिनमें से 275 फेल हो गए। फेल हुए नमूनों में 175 अधोमानक, 19 मिथ्याछाप और 89 असुरक्षित पाए गए।
एडीएम सिटी ने अदालत में 625 मामलों का निपटारा किया है। साथ ही 3.47 करोड़ रुपये का अर्थदंड भी वसूला गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने और जनता को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाए जा रहे हैं।
नकली दवाइयों पर लगाम के लिए कदम
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि आने वाले समय में सख्त निगरानी की जाएगी। नकली दवाइयों और मिलावट पर नियंत्रण के लिए व्यापार मंडल के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। बैठक में व्यापार मंडल अध्यक्ष अनिल शर्मा और जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष आशु शर्मा ने भी सुझाव दिए।
जनता को जागरूक करने के लिए पोस्टर्स, सोशल मीडिया अभियान और स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि नकली दवाइयां उनके स्वास्थ्य के लिए कितनी घातक हो सकती हैं।
आगरा में नकली दवाओं और खाद्य पदार्थों की बढ़ती मिलावट पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन को तेजी से कदम उठाने होंगे। जनता से भी अपील की जा रही है कि वे नकली दवाओं और संदिग्ध खाद्य पदार्थों की शिकायत तुरंत प्रशासन को दें।
सेहत से समझौता न करें। दवाइयां और खाद्य पदार्थ खरीदते समय गुणवत्ता की जांच जरूर करें।
