आगरा यूनिवर्सिटी का कारनामा: छात्रों की मेहनत पर पानी, गलत मूल्यांकन का आरोप, धरने पर बैठे छात्र – tajupdate.in
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आगरा यूनिवर्सिटी का कारनामा: छात्रों की मेहनत पर पानी, गलत मूल्यांकन का आरोप, धरने पर बैठे छात्र

डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) के छात्रों ने पालीवाल पार्क कैंपस में प्रदर्शन किया। इन छात्रों का कहना है कि “कम्यूनिटी मेडिसिन” पेपर में उन्हें जानबूझकर फेल कर दिया गया है। छात्रों का आरोप है कि उत्तरों को सही तरीके से जांचा ही नहीं गया। कई सही उत्तरों पर क्रॉस और क्वेश्चन मार्क लगा दिए गए। 20 अंकों के प्रश्न में सिर्फ 2 या 3 नंबर दिए गए हैं।

छात्रों ने अपनी उत्तरपुस्तिकाओं का आरटीआई के जरिए निरीक्षण कराया। उनका दावा है कि उनके सभी उत्तर सही थे। फिर भी उन्हें 10 से 40 अंकों के बीच नंबर दिए गए हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विवि प्रशासन से उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की।

गुरुवार सुबह लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, गाजीपुर, आजमगढ़ और मुरादाबाद से करीब 60 छात्र पालीवाल पार्क परिसर पहुंचे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अंकुश गौतम ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद छात्रों को प्रवेश मिला।

छात्रों ने पहले कुलपति और फिर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के सामने धरना शुरू किया। शाम को परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओम प्रकाश और चीफ प्रॉक्टर प्रो. मनुप्रताप सिंह छात्रों से बातचीत करने पहुंचे।

छात्रों के आरोप और विवि प्रशासन की लापरवाही

छात्रों ने कहा कि यह समस्या नई नहीं है। 2 दिसंबर को भी छात्रों ने धरना दिया था। उस समय आरटीआई के जरिए उनकी उत्तरपुस्तिकाएं निकाली गई थीं। परीक्षा नियंत्रक ने तब भरोसा दिलाया था कि यदि गड़बड़ी पाई गई तो कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन होगा। लेकिन अब वह अपनी बात से पलट गए हैं।

छात्रों का कहना है कि सभी विषयों में फर्स्ट डिवीजन के अंक हासिल करने के बावजूद एक पेपर में जानबूझकर फेल करना उनकी मेहनत का अपमान है।

बीएचएमएस 2019 बैच के छात्र राजकुमार ने कहा कि उनकी कॉपी में सभी उत्तर सही हैं। साफ राइटिंग में उत्तर लिखे गए हैं। फिर भी उन्हें फेल कर दिया गया। उन्होंने बताया कि अन्य विषयों में 70 अंक तक मिले हैं। लेकिन “कम्यूनिटी मेडिसिन” में फेल करना समझ से बाहर है।

सिद्ध प्रकाश नामक छात्र ने बताया कि उन्होंने अपनी कॉपी कॉलेज के प्रोफेसर को दिखाई। प्रोफेसर ने कहा कि कॉपी में 60 से कम अंक नहीं मिलने चाहिए। 20 अंकों के प्रश्न में सिर्फ 2 अंक देना बेहद अन्यायपूर्ण है।

छात्र हरिशंकर का कहना है कि सभी विषयों में फर्स्ट डिवीजन के अंक हैं। लेकिन एक पेपर की वजह से डिवीजन और पूरा साल खराब हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों ने पहले से तय कर रखा था कि उन्हें फेल करना है।

छात्र रिजवान शेख ने कहा कि 20 अंकों के प्रश्न को अटेंप्ट करने के ही 2 अंक मिलने चाहिए। लेकिन यहां पूरा उत्तर लिखने पर भी सिर्फ 2 अंक मिले। बाकी प्रश्नों में भी 0 से 10 अंक दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय उनकी सही मांगों को मानने से इनकार कर रहा है।

मांगें पूरी होने तक धरना जारी

छात्रों ने घोषणा की है कि उनकी मांग पूरी होने तक वह प्रदर्शन करते रहेंगे। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उत्तरपुस्तिकाओं का निष्पक्ष मूल्यांकन नहीं हुआ है।

छात्रों का यह भी कहना है कि यह केवल उनके लिए नहीं बल्कि आने वाले बैच के छात्रों के भविष्य के लिए भी जरूरी है। यदि इस गड़बड़ी को रोका नहीं गया तो अन्य छात्रों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

एनएसयूआई के प्रतिनिधियों ने छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई और उनके लिए न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारी छात्रों ने साफ किया कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे अगले कदम के रूप में भूख हड़ताल करेंगे।

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