आगरा में ठंड बढ़ते ही लोग खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ गए हैं। हालात इतने खराब हैं कि अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 3013 मरीज पहुंचे। इनमें से 2366 नए मरीज थे। सुबह पर्चा बनवाने के लिए लाइन में खड़े लोगों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा मरीज देखने को मिले। यहां 576 पर्चे बने। मेडिसिन विभाग के डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि मरीजों में तेज बुखार, बेचैनी और घबराहट जैसे लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। सांस की दिक्कत के मरीज भी लगातार आ रहे हैं। बाल रोग विभाग में भी स्थिति चिंताजनक रही। विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव के अनुसार, सोमवार को 170 बच्चों को परामर्श दिया गया। इनमें से 3 साल से कम उम्र के बच्चों में सांस लेने में परेशानी के केस सामने आए। 10 बच्चों को भर्ती भी किया गया।
जिला अस्पताल की स्थिति भी अलग नहीं रही। यहां 3420 मरीजों को परामर्श दिया गया। मरीजों की लंबी लाइन में धक्का-मुक्की से हालात और बिगड़ गए। सर्दी का असर हड्डियों पर भी देखने को मिल रहा है। हड्डी रोग विभाग में 294 मरीज पहुंचे। इनमें से ज्यादातर मरीज घुटनों के दर्द और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत लेकर आए।
बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर
आगरा में मौसम बदलते ही वायरल बुखार ने बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित किया है। ठंड के कारण इम्युनिटी कमजोर होने से लोग तेजी से बीमार हो रहे हैं। ईएनटी विभाग में सोमवार को 195 मरीज पहुंचे। इनमें से कई को गले में खराश और सर्दी की शिकायत थी। त्वचा रोग विभाग में भी 340 मरीज पहुंचे। ठंड बढ़ने के साथ त्वचा संबंधित समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
टीबी एंड चेस्ट विभाग में भीड़ बढ़ती जा रही है। सोमवार को यहां 285 मरीजों ने इलाज करवाया। डॉक्टरों का कहना है कि सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों में तेजी आई है। बुजुर्गों को खासतौर पर सांस लेने में दिक्कत हो रही है। नेत्र रोग विभाग में भी 193 मरीज आए, जिनमें आंखों में जलन और संक्रमण जैसी समस्याएं पाई गईं।
ओपीडी में सुविधाओं की कमी
मरीजों की बढ़ती संख्या ने मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। पर्चा बनवाने के दौरान लंबी कतारों में खड़े मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई जगह झगड़े तक की नौबत आ गई। डॉक्टरों ने बताया कि सर्दी के मौसम में खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़े पहनें और घर से बाहर निकलते वक्त पूरी तरह से ढककर रहें। खाने-पीने में पोषक चीजों का इस्तेमाल करें और ज्यादा पानी पिएं। छोटी परेशानी को नजरअंदाज न करें और जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
