आगरा के विकास भवन में बुधवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने सहकारी समितियों में गड़बड़ी के खिलाफ विरोध करते हुए पेट्रोल पी लिया। घटना के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, और उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्या हुआ था बैठक में?
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन किया गया था। बैठक के दौरान किसान नेताओं ने अधिकारियों की अनुपस्थिति और समस्याओं पर ध्यान न देने का मुद्दा उठाया।
श्याम सिंह चाहर ने सहकारी समितियों में हो रही धांधलियों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सहकारी समितियों के जरिए 21 गोदामों का निर्माण दिखाकर करीब 4 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया है। इस दौरान एक फर्जी सचिव भी पकड़ा गया, लेकिन कार्रवाई के बजाय शिकायतकर्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
पेट्रोल पीने की घटना
सीडीओ के मीटिंग से निकलने के बाद, श्याम सिंह चाहर ने सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता रविंद्र कुमार को बुलाने की मांग की। जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने गुस्से में कांच की शीशी में लाया पेट्रोल पी लिया।
स्थिति गंभीर, अस्पताल में भर्ती
घटना के तुरंत बाद अधिकारियों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
सहकारी विभाग की सफाई
सहायक आयुक्त सहकारिता रविंद्र कुमार ने बताया कि शिकायत की जांच के बाद संबंधित थाने में तहरीर दी जा चुकी है। 21 में से 13 गोदाम बन चुके हैं और 8 पर काम जारी है। हालांकि, मुकदमे की जांच अभी लंबित है।
किसान नेता का आक्रोश और संदेश
श्याम सिंह चाहर की इस घटना ने सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार और किसानों की समस्याओं पर प्रशासन की उदासीनता को उजागर किया है। यह घटना दिखाती है कि किसानों की आवाज को दबाने की कोशिशें उन्हें ऐसे कदम उठाने पर मजबूर कर रही हैं।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर घटना से सबक लेकर किसानों की शिकायतों पर क्या कदम उठाता है और क्या दोषियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होती है।
