मथुरा के रिफाइनरी थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय वाहन चोरी गैंग का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह लग्जरी कारों की चोरी कर उन्हें शराब तस्करों को बेचता था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी की तीन कारें और 21 पेटी शराब भी बरामद की हैं। गैंग का सरगना और अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छानबीन कर रही है।
थाना प्रभारी सोनू कुमार ने बताया कि 15 दिसंबर की रात नरसीपुरम इलाके से एक घर के बाहर खड़ी कार चोरी हुई थी। कार मालिक अनुराग गौतम, जो जालौन के उरई के निवासी हैं, ने 16 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और बुधवार सुबह सूचना मिली कि चोर रेलवे पुल के पास चोरी की गाड़ी के साथ मौजूद हैं। मौके पर पुलिस ने छापा मारा, लेकिन पुलिस को देखते ही तीन आरोपी भागने लगे। फोर्स की मदद से तीनों को पकड़ लिया गया।
गिरफ्तार आरोपी और उनके कारनामे
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अमितेश उर्फ मोनू (पटना), मुकेश (मध्य प्रदेश, मुरैना) और निरंजन उर्फ चुन्नू (पटना) के रूप में हुई है। इनसे पूछताछ में पुलिस को गैंग के अन्य सात सदस्यों के नाम भी मिले हैं, जो आगरा, एटा, ग्वालियर और मुरैना के रहने वाले हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए सक्रिय है।
आरोपी गैंग का तरीका बेहद शातिराना है। ये गैंग चोरी की गाड़ियों को पटना में निरंजन की वर्कशॉप पर ले जाता था, जहां कार का चैसिस नंबर और अन्य पहचान मिटाई जाती थी। इसके बाद मोनू फर्जी नंबर प्लेट लगवाकर गाड़ियों को शराब तस्करों को बेच देता था।
2015 में तैयार किया गया था गैंग
थाना प्रभारी ने बताया कि यह गैंग 2015 में बना था। अमितेश उर्फ मोनू की मुलाकात दीपक उर्फ बल्ले से गौतमबुद्ध नगर में हुई थी। दीपक हर बार नई कार में आता था, जिससे मोनू प्रभावित हुआ और दोस्ती कर ली। इसके बाद दीपक और अन्य साथियों ने मिलकर गाड़ी चोरी का एक बड़ा गैंग खड़ा कर लिया।
इस गैंग में दीपक के साथ राजू गोली (आगरा), सुजान सिंह मीणा उर्फ गुट्टा (एटा), मुकेश लम्बू (मुरैना), शैलेंद्र भदौरिया (ग्वालियर) जैसे शातिर चोर शामिल हैं। ये लोग मिलकर लॉक खोलने में माहिर युवकों से लग्जरी कारें चोरी करवाते थे। चोरी की गई कारें पटना पहुंचाई जाती थीं, जहां पहचान मिटाकर उन्हें शराब तस्करों के हवाले कर दिया जाता था।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस गैंग के काम करने का तरीका और इसके नेटवर्क का विस्तार पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
