आगरा के थाना कागारौल पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए चावल माफिया सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। चेकिंग के दौरान सुमित और एक अन्य आरोपी को पकड़ा गया। उनके पास से लोडर टेंपो में सरकारी चावल बरामद किया गया, जो अवैध तरीके से ले जाया जा रहा था।
लंबे समय से चल रहा था अवैध कारोबार
सुमित अग्रवाल का यह गोरखधंधा लंबे समय से जारी है। प्रशासन कई बार उस पर शिकंजा कस चुका है, लेकिन हर बार वह बच निकलता था। स्थानीय लोगों के अनुसार, सुमित अग्रवाल चावल की अवैध सप्लाई में वर्षों से सक्रिय है।
प्रशासन की मिलीभगत पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सुमित के इस अवैध कारोबार के पीछे प्रशासन की मिलीभगत या लापरवाही हो सकती है। सवाल उठता है कि आखिर क्यों हर बार कार्रवाई के बावजूद सुमित अग्रवाल वापस सक्रिय हो जाता है।
क्या करेगी कागारौल पुलिस?
इस बार थाना कागारौल पुलिस पर दबाव है कि वह इस मामले में सख्त कार्रवाई करे। चावल माफिया के खिलाफ कड़ी धाराओं में केस दर्ज करने और प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद है। अब यह देखना बाकी है कि पुलिस इस मामले को कहां तक पहुंचा पाती है या यह भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
स्थानीय लोगों की मांग
जनता ने प्रशासन से सुमित अग्रवाल के खिलाफ कठोर कदम उठाने और इस गोरखधंधे में शामिल सभी प्रभावशाली लोगों को बेनकाब करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि इस बार भी मामले को हल्के में लिया गया तो ऐसे माफियाओं का हौसला और बढ़ जाएगा।
निष्कर्ष
सरकारी राशन की कालाबाजारी एक गंभीर अपराध है, जो गरीब जनता के अधिकारों पर सीधा प्रहार करता है। ऐसे में प्रशासन और पुलिस को इस मामले में त्वरित और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस तरह के गोरखधंधों पर लगाम लग सके।
