देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले 27 वर्षीय कैप्टन शुभम गुप्ता को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। पुणे में आयोजित सेना दिवस समारोह में थल सेनाध्यक्ष ने उनके माता-पिता को यह सम्मान सौंपा। मेडल को सीने से लगाते हुए मां-पिता भावुक हो गए। पिता बसंत कुमार गुप्ता ने कहा, “बेटे ने कहा था कि मेरी बारी पर आप गर्व करेंगे। उसकी हर बात सच हो गई।”
सेना मेडल पाकर भावुक हुए माता-पिता
आगरा के बलिदानी कैप्टन शुभम गुप्ता को सेना दिवस पर पुणे में आयोजित परेड में मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। समारोह में उनकी मां पुष्पा गुप्ता और पिता बसंत कुमार गुप्ता को मंच पर ससम्मान बुलाया गया। थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने मेडल सुपुर्द करते हुए परिजनों को सलामी दी।
पिता ने गर्व से कहा, “बेटा कहता था कि मौत तो सबकी आनी है। जब मेरी बारी आएगी, तो आप मुझ पर गर्व करेंगे। आज मैं ही नहीं, पूरा देश उस पर गर्व कर रहा है।” मेडल को सीने से लगाकर मां ने कहा, “मेरा बेटा अमर हो गया। वह भारत मां का बेटा था और उसकी गोद में सो गया।”
राजोरी में आतंकियों से लड़ते हुए दी शहादत
कैप्टन शुभम गुप्ता आगरा के प्रतीक एन्क्लेव के निवासी थे। वे पैराशूट रेजिमेंट 9 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो अधिकारी थे। 22 नवंबर 2023 को राजोरी में आतंकियों से मुकाबला करते हुए उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। शुभम ने 2015 में सेना में भर्ती होकर 2018 में कमीशन प्राप्त किया था।
उनकी वीरता को सलाम करते हुए 26 जनवरी 2023 को सेना मेडल देने की घोषणा की गई थी। बुधवार को जब उनकी शहादत का जिक्र किया गया, तो सभा में “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे। उनके बलिदान की कहानी सुनकर हर कोई भावुक हो गया।
कैप्टन शुभम का सपना और देशभक्ति
शुभम के पिता बसंत कुमार गुप्ता, जो डीजीसी क्राइम हैं, ने बताया कि शुभम का सपना देश के लिए मर-मिटने का था। वह अक्सर कहते थे, “पापा, मैं भारत मां का बेटा हूं। मेरी मौत पर आप गर्व करेंगे।” उनकी बातों को याद करते हुए पिता की आंखें नम हो गईं, लेकिन गर्व उनके चेहरे पर साफ दिखा।
मां ने कहा, “शुभम हमेशा कहता था कि मेरी पहचान मेरे देश के लिए कुछ कर दिखाने से होगी। आज वह पहचान अमर हो गई है।”
भारत मां का बेटा अमर
राजोरी के कठिन हालातों में आतंकियों से मुकाबला करते हुए कैप्टन शुभम ने जिस साहस और वीरता का प्रदर्शन किया, वह सभी के लिए प्रेरणा है। उनके बलिदान से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा देश गर्वित है।
शुभम गुप्ता जैसे सपूतों की वजह से ही आज भारत सुरक्षित है। उनकी वीरता की गाथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
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