ताजमहल के शहर आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर बन रहा म्यूजियम लंबे समय से अधूरा पड़ा है। जनवरी 2020 से इसका निर्माण कार्य बंद है। पहले इसे मुगल म्यूजियम के नाम से जाना जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसका नाम बदल दिया गया। दिसंबर में इसे पर्यटकों के लिए खोलने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है।
छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम का शिलान्यास अखिलेश यादव की सरकार में जनवरी 2016 में किया गया था। यह म्यूजियम ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आगरा किले में छत्रपति शिवाजी महाराज को बंधक बनाकर रखा गया था। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने छह जनवरी को इस म्यूजियम का निरीक्षण किया और दिसंबर तक इसके लोकार्पण की घोषणा की।
म्यूजियम का निरीक्षण और निर्माण कार्य की गुणवत्ता
रविवार को डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने उच्च स्तरीय समिति के साथ म्यूजियम भवन का निरीक्षण किया। इस दौरान निर्माण कार्य की गुणवत्ता और रिवाइज्ड एस्टीमेट पर चर्चा हुई। तीन मंजिला म्यूजियम के निर्माण पर अब तक 99 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। हालांकि, इमारत में दरारें आ चुकी हैं, जिन्हें भरने का काम अभी बाकी है।
यह म्यूजियम 5.9 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है और इसमें विश्व स्तरीय डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऑडिटोरियम तैयार किया जाएगा। राजकीय निर्माण निगम ने इसके लिए 198.84 करोड़ रुपये का संशोधित बजट तैयार किया है। इस बजट को शासन की स्वीकृति का इंतजार है।
म्यूजियम का डिज़ाइन और सुविधाएं
इस म्यूजियम का बेसमेंट काफी आधुनिक होगा, जिसमें सात स्थायी प्रदर्शनी हॉल, लाइब्रेरी, दुकानें, स्टोरेज और बिल्डिंग सर्विसेज शामिल होंगे। भूतल पर रिसेप्शन, इवेंट हॉल और यूटिलिटी ब्लॉक होंगे। पहले तल पर रेस्टोरेंट और पवेलियन जैसे विशेष आकर्षण होंगे।
इसके अलावा, म्यूजियम में स्टार्म वाटर ड्रेन, ट्यूबवेल, पंप हाउस, अंडरग्राउंड टैंक, सीसी रोड और बिजली का काम भी किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि इसे समय पर पर्यटकों के लिए खोला जा सके।
छत्रपति शिवाजी महाराज और आगरा का ऐतिहासिक संबंध
छत्रपति शिवाजी महाराज का आगरा किले से ऐतिहासिक संबंध है। ऐसा माना जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब ने उन्हें आगरा किले में बंधक बनाकर रखा था। इस किवदंती के आधार पर 2003 में एएसआई ने किले के वाटर गेट के पास स्थित कोठरियों को संरक्षित किया था और उन्हें शिवाजी महाराज की जेल घोषित किया।
हालांकि, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि मुगल अपने बंदियों को ग्वालियर किले में रखते थे, न कि आगरा में। इस पर भी विवाद है, लेकिन शिवाजी महाराज के आगरा किले से जुड़े होने की बात आगरा के इतिहास को खास बनाती है।
पर्यटन विभाग इस म्यूजियम को एक महत्वपूर्ण आकर्षण केंद्र के रूप में विकसित करना चाहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसके लोकार्पण की योजना है। इससे न केवल आगरा के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक योगदान को भी सम्मान मिलेगा।
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