टॉप बिल्डर ने किया 40 परिवारों के साथ फ्रॉड: करोड़ों की धोखाधड़ी के बाद तीसरी बार अरेस्ट, जानें कैसे दबोचा गया – tajupdate.in
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टॉप बिल्डर ने किया 40 परिवारों के साथ फ्रॉड: करोड़ों की धोखाधड़ी के बाद तीसरी बार अरेस्ट, जानें कैसे दबोचा गया

आगरा जिले के एत्मादपुर में प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। भूमाफिया और बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल को तीसरी बार गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे पकड़ने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकारियों के मुताबिक, इसे ढाई किलोमीटर तक गाड़ी से और करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल दौड़ाकर काबू में किया गया। ये बिल्डर 40 से ज्यादा घर खरीदने वालों को धोखा दे चुका है। इसकी गिरफ्तारी के बाद 26 करोड़ रुपये की रिकवरी सामने आई है।

2017 में पहली बार शैलेंद्र अग्रवाल को भूमाफिया घोषित किया गया था। उस समय इस पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया। तब इसे पहली बार जेल भेजा गया था। इसके बाद 2023 में इसे फिर गिरफ्तार किया गया। अब तीसरी बार पुलिस ने इसे दबोचा है। पिछले एक साल से ये फरार चल रहा था। इसके खिलाफ पहले से गिरफ्तारी वारंट जारी था, लेकिन पकड़ में नहीं आ रहा था।

फ्लैट्स कुर्क और नीलामी में खाली हाथ प्रशासन

इस भूमाफिया बिल्डर के आगरा में निखिल पार्क रॉयल नाम के प्रोजेक्ट में 250 फ्लैट्स कुर्क किए जा चुके हैं। इन फ्लैट्स की नीलामी के लिए प्रशासन ने तीन बार बोली लगवाई, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। इन फ्लैट्स पर कई महीनों से कुर्की का टैग लगा हुआ है। ये मामला घर खरीदने वालों के साथ धोखाधड़ी का है। जिन लोगों ने अपने सपनों का घर खरीदने के लिए पैसे दिए थे, उन्हें फ्लैट्स या तो दिए ही नहीं गए या फिर प्रोजेक्ट में भारी गड़बड़ियां पाई गईं।

शैलेंद्र अग्रवाल गिरफ्तारी से बचने के लिए रोज नई चालें चलता था। हर दिन वह अपनी गाड़ी बदल लेता था और बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करता था। उसकी लोकेशन ट्रेस करना प्रशासन के लिए मुश्किल काम था। लेकिन तहसीलदार सदर एपी सिंह और उनकी रिकवरी टीम ने सूझ-बूझ से आखिरकार इसे एत्मादपुर में पकड़ लिया।

धोखाधड़ी के जाल में फंसे खरीदार

शैलेंद्र अग्रवाल ने करीब 40 घर खरीदारों से धोखाधड़ी की है। वह लोगों को सस्ते फ्लैट्स का सपना दिखाकर बड़ी रकम ऐंठता था। प्रशासन ने बताया कि अब तक 26 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है। इसके खिलाफ कई शिकायतें पहले से दर्ज थीं। यह पता चला है कि ये धोखाधड़ी का जाल बड़े स्तर पर फैलाया गया था।

गिरफ्तारी के बाद इसे मेडिकल के लिए ले जाया गया और फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस इसे लंबे समय से ट्रैक कर रही थी। ये व्यक्ति प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था।

शैलेंद्र अग्रवाल का आपराधिक इतिहास भी कम खतरनाक नहीं है। 2017 में जब इसे पहली बार गिरफ्तार किया गया, तब इसने कई अहम जानकारियां दीं। इसके बाद भी यह अपनी गतिविधियों से बाज नहीं आया। हर बार वह नई तरकीबें अपनाता और फरार हो जाता।

लंबे समय से चल रहा था फरार

प्रशासन को करीब एक साल से शैलेंद्र अग्रवाल की तलाश थी। वह अपनी लोकेशन छिपाने के लिए हर संभव प्रयास करता था। अधिकारियों ने बताया कि इस बार उसे पकड़ने के लिए कई बार योजनाएं बनाई गईं, लेकिन हर बार वह बच निकलता। आखिरकार एत्मादपुर में इसे दबोचा जा सका।

इसके खिलाफ कई वारंट पहले से जारी थे। इसके गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि पीड़ितों को उनका पैसा जल्द वापस मिलेगा।

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