आगरा के एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के कटरा वजीर खां से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। इस घटना ने पूरे इलाके को हैरानी और शोक में डाल दिया है। जूता कारीगर चंद्रप्रकाश ने अपनी दिव्यांग बेटी को जहर देकर खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह हादसा सवाल खड़े करता है कि क्या आर्थिक तंगी और जिम्मेदारियां इंसान को इतना मजबूर कर सकती हैं।
जूता कारीगर चंद्रप्रकाश की जिंदगी में संघर्ष
चंद्रप्रकाश, कटरा वजीर खां के निवासी थे और जूता बनाने का काम करते थे। मार्च 2022 में उनकी पत्नी रेखा का निधन हो गया था। इसके बाद से चंद्रप्रकाश अपनी इकलौती बेटी खुशी के साथ रह रहे थे। खुशी चलने-फिरने में असमर्थ थी और उसकी देखभाल पूरी तरह से चंद्रप्रकाश पर निर्भर थी।
चंद्रप्रकाश के बड़े भाई इंद्रजीत भी उसी मकान के प्रथम तल पर रहते थे। इंद्रजीत दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी से रिटायर हो चुके हैं। उनकी पत्नी और बच्चे दिल्ली में रहते हैं।
घटना का खुलासा
शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे इंद्रजीत रोज की तरह चंद्रप्रकाश को चाय देने उनके कमरे में गए। वहां उन्होंने बेटी खुशी को बेड पर पड़ा पाया, उसके मुंह से झाग निकल रहा था। कोई हरकत न देखकर वह रसोई की ओर बढ़े तो देखा कि चंद्रप्रकाश फांसी पर झूल रहे थे। यह देख इंद्रजीत की चीख निकल गई।
उनकी चीख सुनकर पड़ोसी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने कमरे और रसोई की तलाशी ली। रसोई में एक पुड़िया में पाउडर मिला, जिसे फॉरेंसिक टीम ने कब्जे में लिया।
जहर देने का संदेह
पुलिस का मानना है कि चंद्रप्रकाश ने खाने में जहर मिलाकर अपनी बेटी को खिलाया और बाद में खुद फांसी लगाकर जान दे दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चंद्रप्रकाश की मौत का कारण फांसी बताया गया है, जबकि खुशी का विसरा जांच के लिए संरक्षित किया गया है।
आर्थिक तंगी बनी बड़ी वजह
चंद्रप्रकाश के परिवार ने बताया कि उनकी नौकरी करीब 8 महीने पहले छूट गई थी। इसके बाद से वह काफी परेशान थे। कई कोशिशों के बाद भी उन्हें नया काम नहीं मिल पा रहा था। उनकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही थी।
दूसरी शादी के बाद भी स्थिति बेहतर नहीं हुई। डेढ़ साल पहले उन्होंने अपनी बेटी की देखभाल के लिए सीमा नाम की महिला से दूसरी शादी की थी। हालांकि, कुछ दिन पहले सीमा भी अपने मायके चली गई थी।
पत्नी और भाई से आखिरी बातचीत
इंद्रजीत ने पुलिस को बताया कि घटना वाली रात 10 बजे उनकी चंद्रप्रकाश से आखिरी बार बात हुई थी। चंद्रप्रकाश ने कहा था कि वह सोने जा रहे हैं। वहीं, सीमा ने भी पुलिस को बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार शाम को चंद्रप्रकाश से वीडियो कॉल पर बात की थी। चंद्रप्रकाश ने उन्हें घर वापस आने को कहा था।
बड़ी मन्नतों के बाद हुई थी बेटी की जन्म
चंद्रप्रकाश की बेटी खुशी शादी के 16 साल बाद हुई थी। उनके साले सुनील ने बताया कि खुशी का जन्म उनके लिए बहुत खास था। हालांकि, वह दिव्यांग थी, जिसके कारण उसकी देखभाल में काफी मेहनत लगती थी।
पुलिस जांच जारी
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि चंद्रप्रकाश अपनी बेटी की देखभाल और नौकरी छूटने के तनाव में थे। प्रथम दृष्टया यह आर्थिक तंगी और पारिवारिक तनाव का मामला लग रहा है। पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है।
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