मेट्रो टनल से खतरे में 150 परिवार, जैक पर टिकीं इमारतें: घर छोड़ने को मजबूर लोग – tajupdate.in
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मेट्रो टनल से खतरे में 150 परिवार, जैक पर टिकीं इमारतें: घर छोड़ने को मजबूर लोग

आगरा के मोती कटरा क्षेत्र में 150 से ज्यादा परिवार एक हजार घंटों से भी ज्यादा समय से खौफ में जी रहे हैं। यहां के घर और इमारतें इतनी कमजोर हो गई हैं कि छतों को टिकाए रखने के लिए जैक का सहारा लिया जा रहा है। हल्की सी आहट भी लोगों को डरा देती है। मेट्रो परियोजना के तहत चल रही टनल बोरिंग की वजह से घरों की नींव कमजोर हो गई है।

घर के ड्राइंग रूम, बेडरूम, आंगन और किचन तक जैक और पाइप लगाए गए हैं। गलियों में मकानों के छज्जों को गिरने से रोकने के लिए पाइप और जैक का सहारा लिया गया है। गलियों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। एक गलती और पूरी इमारत ढहने का खतरा बना हुआ है।

टनल बोरिंग की वजह से दरारें आने पर इमारतों की सुरक्षा के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दरारों में इंजेक्शन के जरिए सीमेंट और कंक्रीट भरा जा रहा है। यूपी मेट्रो कॉरपोरेशन ने टनल बोरिंग मशीन की स्पीड कम कर दी है ताकि इलाके में और नुकसान न हो।

टनल बोरिंग से बढ़ी परेशानी

मकानों में दरारें आने से सीवर और पानी की लाइनें भी जाम हो गई हैं। इन लाइनों को बदलने का काम शुरू हो चुका है। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने नगर निगम की निगरानी में काम करने के निर्देश दिए हैं। मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

आईआईटी द्वारा की गई मिट्टी की जांच में पाया गया कि यह इलाका टीलों पर बसा है। यहां मकान बनाने के लिए मिट्टी का भराव किया गया था। अब टनल के कारण मिट्टी का सेटलमेंट हो रहा है, जिससे मकानों में दरारें आ रही हैं।

मोती कटरा के निवासी बताते हैं कि इस समस्या ने बच्चों की पढ़ाई और लोगों के कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। यहां के जैन मंदिर की दूसरी मंजिल तक दरारें पहुंच गई हैं। लोग अपने ही घरों में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

मुआवजा और मरम्मत का काम

यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने प्रभावित परिवारों को प्रति व्यक्ति 500 रुपये प्रतिदिन का मुआवजा देने की योजना शुरू की है। अब तक 150 लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है। मकानों की मरम्मत के लिए विशेषज्ञों की निगरानी में काम किया जा रहा है।

टनल बोरिंग के कारण प्रभावित लोगों को भरोसा दिया गया है कि उनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। दरारों के कारण प्रभावित इलाकों में सीवर और पानी की नई लाइनें बिछाने का काम भी शुरू किया जाएगा।

मोती कटरा में हर व्यक्ति के लिए सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो गया है। गलियों से निकलने तक का रास्ता नहीं बचा है। मकानों की सुरक्षा के लिए सरकार और मेट्रो प्रबंधन को ठोस कदम उठाने होंगे।

आगे की चुनौती

आईआईटी की विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद मकानों में दरारों की असली वजह का पता चलेगा। मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि दिल्ली और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में भी टनल बोरिंग हुई है, लेकिन वहां ऐसी समस्या नहीं आई। यहां का सेटलमेंट और मिट्टी की स्थिति खास वजह बन सकती है।

इलाके के लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल गया है। वे हर समय घर गिरने के डर में जी रहे हैं। मेट्रो प्रबंधन और प्रशासन को इस समस्या का समाधान तेजी से करना होगा ताकि लोगों को राहत मिल सके।

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