नकली और नशीली दवाओं के कारोबार का काला सच, पुलिस जुटा रही डिजिटल सबूत – tajupdate.in
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नकली और नशीली दवाओं के कारोबार का काला सच, पुलिस जुटा रही डिजिटल सबूत

आगरा में नकली और नशीली दवाओं का अवैध कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। पुलिस ने अब तक चार फैक्टरियों का खुलासा किया है, लेकिन इन गोरखधंधों पर पूरी तरह रोक लगाना चुनौती बना हुआ है। आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस तैयार करने के लिए पुलिस फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा कर रही है। मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट डाटा और चैट रिकवर करने की प्रक्रिया जारी है।

23 अक्टूबर 2024 को, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के शास्त्रीपुरम में छापा मारा। इस दौरान दवा माफिया विजय गोयल समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मौके से लगभग 4.50 करोड़ रुपये की नकली और नशीली दवाएं बरामद की गईं। पुलिस का यह ऑपरेशन दवा माफियाओं के नेटवर्क को उजागर करने के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

इसके बाद, 13 नवंबर 2024 को, सिकंदरा के गांव लखनपुर में पशुओं की नकली दवाएं बनाने वाली फैक्टरी पर कार्रवाई की गई। इस फैक्टरी में संचालक अश्विन गुप्ता, उसकी पत्नी और साले सौरभ सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। यहां से भी बड़ी मात्रा में नकली दवाएं जब्त की गईं।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act), औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी ने बताया कि इन मामलों में विवेचना तेज़ी से चल रही है। फॉरेंसिक लैब से डिजिटल डिवाइस का विश्लेषण कराया जा रहा है, ताकि आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए जा सकें।

घटनास्थल से बरामद मोबाइल और लैपटॉप फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं। इनसे डिलीट डाटा रिकवर करने की कोशिश हो रही है। जांच अधिकारी गूगल मैप का इस्तेमाल करके इन जगहों को भविष्य के “हॉटस्पॉट” के रूप में चिन्हित करेंगे। इस अध्ययन से पुलिस को दवा माफियाओं के ठिकानों की पहचान करने में मदद मिलेगी।

पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र में सभी जरूरी सबूत शामिल हों। बरामद लैपटॉप और मोबाइल से मिली जानकारी से माफियाओं के नेटवर्क का विस्तार पता लगाया जाएगा। इसके अलावा, इन नकली दवाओं के सप्लाई चैन और इनके ग्राहकों पर भी नज़र रखी जा रही है।

नकली दवाओं का यह कारोबार सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि समाज और स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा है। पशुओं के लिए बनाई गई नकली दवाओं से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। वहीं, नशीली दवाओं के इस्तेमाल से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

पुलिस की इस कार्रवाई ने जहां दवा माफियाओं में खलबली मचा दी है, वहीं जनता को भी यह विश्वास दिलाया है कि कानून इन पर सख्ती से शिकंजा कस रहा है। अपर पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस का प्रयास है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।

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