आगरा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां एक ससुर ने अपने बेटे की गैरमौजूदगी में बहू के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में कोर्ट ने दोषी ससुर को कड़ी सजा दी है। अपर जिला जज-29 दिनेश कुमार चौरसिया ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह मामला थाना बसई जगनेर क्षेत्र का है। पीड़िता की शादी इस क्षेत्र के गांव में ओमप्रकाश गौड़ के बेटे से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही पति घर के खर्चों को चलाने के लिए दिल्ली नौकरी करने चला गया। पीड़िता अपने ससुर के साथ गांव में ही रहती थी।
22 जुलाई 2020 का वह दिन पीड़िता के जीवन का सबसे भयानक दिन बन गया। उस दिन घर में अकेले होने का फायदा उठाते हुए ससुर ने अपनी ही बहू के साथ जबरदस्ती की। इस घटना ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया।
पीड़िता ने साहस दिखाते हुए इस घटना के बाद अपने परिवार वालों को पूरी बात बताई। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। थाना बसई जगनेर में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने जांच शुरू की और ससुर के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट ने अहम भूमिका निभाई। जज ने माना कि आरोपी ससुर ने अपने अधिकार और रिश्ते का गलत फायदा उठाया। कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सख्त सजा दी।
पीड़िता के वकील ने बताया कि यह सजा एक मिसाल है। इस तरह की घटनाएं रिश्तों पर से भरोसा कम कर देती हैं। कोर्ट के इस फैसले से समाज को संदेश मिला है कि कानून किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पीड़िता ने कहा कि उसे उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा। उसने बताया कि इस घटना के बाद उसका जीवन पूरी तरह बदल गया। वह मानसिक और सामाजिक रूप से टूट चुकी थी, लेकिन अब सजा मिलने से उसे थोड़ी राहत महसूस हो रही है।
यह मामला उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो किसी भी तरह के अत्याचार को चुपचाप सहती हैं। समाज को ऐसी घटनाओं पर खुलकर बोलने और पीड़ितों का समर्थन करने की जरूरत है।
