सेमेस्टर परीक्षा में नकल का खेल: सीसीटीवी लिंक न करने पर कॉलेजों पर ₹50,000 जुर्माना – tajupdate.in
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सेमेस्टर परीक्षा में नकल का खेल: सीसीटीवी लिंक न करने पर कॉलेजों पर ₹50,000 जुर्माना

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर परीक्षाएं 21 नवंबर से शुरू हो चुकी हैं। परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी परीक्षा केंद्रों को खंदारी परिसर में बने कंट्रोल रूम से जोड़ने का निर्देश दिया है। कंट्रोल रूम में जिलेवार कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी करते हैं। इसके बावजूद कुछ परीक्षा केंद्र कैमरे लिंक करने में ढिलाई दिखा रहे हैं।

फिरोजाबाद और मथुरा के केंद्रों पर कार्रवाई

परीक्षा शुरू हुए एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन फिरोजाबाद के तीन और मथुरा के एक परीक्षा केंद्र ने अब तक सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल रूम से लिंक नहीं किए हैं। बार-बार संपर्क करने के बावजूद तकनीकी खामी का बहाना बनाकर कैमरे ऑन नहीं किए जा रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए इन केंद्रों पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया है।

दो दिन का अल्टीमेटम, वरना केंद्र होंगे निरस्त

परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओम प्रकाश ने स्पष्ट किया है कि अगर अगले दो दिन में इन केंद्रों ने कैमरे कंट्रोल रूम से लिंक नहीं किए, तो इनका केंद्र मान्यता रद्द कर दी जाएगी। प्रशासन का कहना है कि नकल मुक्त परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

इन कॉलेजों पर लगाया गया है जुर्माना

फिरोजाबाद और मथुरा के चार कॉलेज, जिन्होंने कैमरे लिंक नहीं किए, उन पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया है:

  1. महर्षि दयानंद महाविद्यालय, सिरसागंज, फिरोजाबाद (कोड 268)
  2. ग्रामोदय महाविद्यालय, एका, फिरोजाबाद (कोड 499)
  3. श्रीमती विनोद देवी महाविद्यालय, एका, फिरोजाबाद (कोड 638)
  4. श्री प्रहलाद मुखिया महाविद्यालय, जतीपुरा रोड, गोवर्धन, मथुरा (कोड 780)

नकल रोकने के लिए सख्ती जरूरी

डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी कीमत पर नकल को बर्दाश्त नहीं करेगा। हर परीक्षा केंद्र को निर्देश दिया गया है कि वह सीसीटीवी कैमरों के जरिए लगातार कंट्रोल रूम से जुड़ा रहे। अगर परीक्षा के दौरान किसी केंद्र का कैमरा बंद पाया गया, तो ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में गड़बड़ी क्यों?

परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी से कई अनियमितताएं सामने आई हैं। कई बार कैमरे जानबूझकर बंद कर दिए जाते हैं या तकनीकी खामी का बहाना बनाया जाता है। प्रशासन ने साफ किया है कि ऐसी गतिविधियों को सख्ती से रोका जाएगा।

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नकल जैसी गतिविधियां छात्रों के भविष्य को खराब करती हैं। परीक्षा में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। नकल विहीन परीक्षा से न केवल छात्रों की योग्यता का सही आकलन होगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी लोगों का भरोसा बढ़ेगा।

तकनीकी सुधारों की आवश्यकता

विशेषज्ञों का कहना है कि कैमरे लिंक न होने की समस्या तकनीकी सुधार की कमी को भी दर्शाती है। इसके लिए बेहतर नेटवर्किंग और मॉनिटरिंग सिस्टम जरूरी है। विश्वविद्यालय को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न आएं।

प्रशासन की सख्ती बनी चर्चा का विषय

परीक्षा केंद्रों पर हुई इस कार्रवाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन की सख्ती को चर्चा का विषय बना दिया है। छात्रों और अभिभावकों ने इस कदम का समर्थन किया है और उम्मीद जताई है कि यह नकल रोकने में कारगर साबित होगा।

इस कार्रवाई से साफ है कि विश्वविद्यालय प्रशासन नकल मुक्त परीक्षा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नियम तोड़ने वाले केंद्रों पर सख्ती से निपटा जाएगा, ताकि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन बना रहे।

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