साइबर अपराधियों के नए-नए तरीकों से हर दिन लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इनमें से एक तरीका “डिजिटल अरेस्ट” के नाम से सामने आया है। आगरा में पुलिस की पाठशाला के दौरान एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि लोग अनजाने में इन अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं। उन्होंने साइबर ठगी से बचने के कुछ अहम टिप्स दिए।
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर डराते हैं। वे फोन पर लालच या डराने-धमकाने की बातें करके लोगों से पैसे ऐंठते हैं। एसीपी ने कहा कि असली पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। अगर कोई अनजान नंबर से कॉल करे और ऐसा दावा करे, तो तुरंत फोन काट दें और पुलिस की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
कैसे होते हैं साइबर अपराधी सक्रिय?
साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। कभी परिचित बनकर कॉल करते हैं, तो कभी लिंक भेजकर मोबाइल हैक कर लेते हैं। कई बार खाते में रकम डालकर उसे वापस निकालने का झांसा दिया जाता है। अनजान लिंक पर क्लिक करते ही फोन या लैपटॉप हैक हो सकता है।
एसीपी ने दिए बचाव के सुझाव
- अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर सावधानी बरतें।
- किसी भी लालच या डराने वाली बात पर ध्यान न दें।
- अगर कोई साइबर अपराधी कॉल करे, तो तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
- मोबाइल का इस्तेमाल केवल जरूरी जानकारी और पढ़ाई के लिए करें।
- अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें और मोबाइल पर समय बर्बाद न करें।
पुलिस की पाठशाला में विद्यार्थियों को मिली खास जानकारी
अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित पाठशाला में एसीपी सुकन्या शर्मा ने साइबर अपराधों से बचने के टिप्स दिए। विद्यार्थियों को मोबाइल के सही और गलत इस्तेमाल के बारे में बताया गया। साथ ही, साइबर ठगी से जुड़े सवाल-जवाब भी हुए। सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को पुस्तकें पुरस्कार में दी गईं।
पाठशाला के दौरान विद्यालय के प्रबंधक विजय कुमार अग्रवाल और प्रधानाचार्य दीपक अग्रवाल ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देना आज के समय में बेहद जरूरी है। कार्यक्रम में विद्यालय का स्टाफ और विद्यार्थी भी मौजूद रहे।
