प्रखर गर्ग पर ईडी की बड़ी कार्रवाई: जब्त संपत्तियों का सौदा और करोड़ों की धोखाधड़ी बनी वजह – tajupdate.in
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प्रखर गर्ग पर ईडी की बड़ी कार्रवाई: जब्त संपत्तियों का सौदा और करोड़ों की धोखाधड़ी बनी वजह

आगरा के चर्चित बिल्डर प्रखर गर्ग के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई की वजहें अब सामने आई हैं। आरोप है कि प्रखर गर्ग ने ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों का करोड़ों में सौदा कर दिया था। इससे पहले उन पर धोखाधड़ी और संपत्ति विवादों के कई मामले दर्ज हो चुके हैं।

ईडी की जब्त संपत्तियों का सौदा
होटल व्यवसायी सुभाष शर्मा ने प्रखर गर्ग पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रखर ने जनवरी 2022 में उन्हें एक भूखंड और एक होटल का सौदा कराया। लेकिन बाद में पता चला कि दोनों संपत्तियां ईडी से संबद्ध थीं। इसके चलते उन्हें न सिर्फ आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि ईडी की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ा।

धोखाधड़ी और संपत्ति विवाद
प्रखर गर्ग पर दर्ज मामलों में सबसे गंभीर आरोप उनके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर संपत्तियों का सौदा करने का है।

  1. सुभाष शर्मा का मामला:
    165 वर्ग मीटर का एक भूखंड और नोवा होटल का सौदा कराने के बाद, ईडी ने इन संपत्तियों पर अपना अधिकार जताया।
  2. बैटरी कारोबारी से 9 करोड़ की धोखाधड़ी:
    अरुण सौंधी ने आरोप लगाया कि जी होटल के दो फ्लोर का सौदा किया गया, लेकिन इसमें भी प्रखर गर्ग ने धोखाधड़ी की।
  3. चेक बाउंस के मामले:
    2019 से 2023 तक प्रखर गर्ग के खिलाफ 138 एनआई एक्ट के तहत 21 मामले दर्ज हुए। इन मामलों में आरोप है कि उन्होंने लोगों से रकम लेकर चेक दिए, जो बैंक में बाउंस हो गए।

चेक बाउंस और गिरफ्तारी
चेक बाउंस के मामलों में प्रखर गर्ग को नवंबर 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। हालांकि, तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वर्तमान में भी उनके खिलाफ चेक बाउंस के दो मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी हैं।

कोर्ट से स्टे के बावजूद बढ़ती मुश्किलें
प्रखर गर्ग ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। बावजूद इसके, उनके खिलाफ दर्ज मामलों की विवेचना चल रही है।

ईडी की जांच का दायरा बढ़ा
ईडी अब यह जांच कर रही है कि प्रखर गर्ग ने जब्त संपत्तियों के अलावा और कितनी संपत्तियों का फर्जी सौदा किया। साथ ही, अन्य नामजद लोगों के खिलाफ भी नोटिस जारी किए जाने की तैयारी है।

निष्कर्ष
प्रखर गर्ग पर लगे गंभीर आरोप न सिर्फ उनके कारोबार बल्कि कानूनी स्थिति को भी मुश्किल में डाल रहे हैं। ईडी की जांच और पुलिस की विवेचना से साफ है कि मामले में बड़ी साजिश और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हो सकता है।

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