आगरा के जतिन कुशवाहा ने बहरीन में जीते दो पदक, ताजनगरी का नाम किया रोशन – tajupdate.in
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आगरा के जतिन कुशवाहा ने बहरीन में जीते दो पदक, ताजनगरी का नाम किया रोशन

आगरा के कमला नगर में रहने वाले पैरालंपिक खिलाड़ी जतिन कुशवाहा ने बहरीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बोशिया चैलेंजर सीरीज में शानदार प्रदर्शन कर दो पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। यह प्रतियोगिता 14 से 20 नवंबर तक बहरीन के मनामा शहर में आयोजित हुई थी। इस चैलेंजर सीरीज में दुनियाभर के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

जतिन ने सीनियर वर्ग (बीसी-4 कैटेगरी) की एकल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, यूक्रेन और हंगरी के खिलाड़ियों को हराकर यह पदक अपने नाम किया। युगल प्रतिस्पर्धा में, जतिन ने हरियाणा की पूजा गुप्ता के साथ कजाकिस्तान की टीम को हराकर रजत पदक जीता। उनकी इस कामयाबी पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है।

खेल की दुनिया में आगरा की चमक
जतिन की उपलब्धि आगरा के लिए गर्व की बात है। ताजनगरी से निकले इस होनहार खिलाड़ी ने न सिर्फ अपनी मेहनत से पदक जीते, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगरा का नाम भी रोशन किया। हाल ही में आगरा की बेटियों ने भी बीसीसीआई द्वारा घोषित अंडर-15 क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाकर शहर को गौरवान्वित किया था। अब जतिन की इस जीत ने आगरा को खेल जगत में और ऊंचा स्थान दिलाया है।

जतिन की सफलता की कहानी
जतिन ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार और कोच अशोक बेदी को दिया है। उन्होंने बताया कि यहां तक पहुंचने का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण था। कड़ी मेहनत, सही मार्गदर्शन और परिवार के सहयोग से यह संभव हो पाया। जतिन का कहना है कि बिना सपोर्ट के कोई भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान नहीं बना सकता।

घर लौटने पर भव्य स्वागत
शुक्रवार को जतिन जब बहरीन से लौटे तो उनके कमला नगर स्थित घर पर बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके पिता तीरथ कुशवाहा ने उनका जोरदार स्वागत किया। जतिन के पिता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पहले भी 5 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया है।

जतिन का सफर और आगे की योजनाएं
जतिन ने बताया कि बोशिया खेल में उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया। यह खेल शारीरिक और मानसिक धीरज की परीक्षा लेता है। हर मैच में अपनी पूरी ताकत झोंकनी पड़ती है। जतिन ने यह भी कहा कि वह अपनी आगामी प्रतियोगिताओं के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनका सपना है कि वह भारत के लिए और भी बड़े पदक जीतें।

कोच और फेडरेशन ने जताई खुशी
जतिन की इस उपलब्धि पर बोशिया स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह धालीवाल, उपाध्यक्ष और कोच अशोक बेदी और सचिव शमिंदर सिंह ढिल्लो ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि जतिन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मेहनत और लगन से ही भारत का बोशिया खेल में दबदबा बढ़ रहा है।

बोशिया खेल की बढ़ती पहचान
बोशिया एक पैरालंपिक खेल है, जिसमें मानसिक और शारीरिक संतुलन की आवश्यकता होती है। यह खेल भारत में धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है। जतिन जैसे खिलाड़ियों की उपलब्धियां इस खेल को और अधिक पहचान दिलाने में मददगार साबित हो रही हैं।

जतिन कुशवाहा ने अपनी मेहनत, लगन और जोश से न केवल ताजनगरी बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो खेल के क्षेत्र में अपना भविष्य देख रहे हैं। आगरा के इस खिलाड़ी ने साबित कर दिया कि सपने पूरे करने के लिए जुनून और मेहनत सबसे जरूरी है।

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