आगरा में खंडपीठ की मांग पर आंदोलन तेज, एडवोकेट्स की अनोखी दौड़ ने खींचा ध्यान – tajupdate.in
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आगरा में खंडपीठ की मांग पर आंदोलन तेज, एडवोकेट्स की अनोखी दौड़ ने खींचा ध्यान

आगरा में खंडपीठ की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने अपने आंदोलन को नई दिशा दे दी है। मंगलवार को दीवानी परिसर में प्रभातफेरी निकालकर ‘एडवोकेट ऑफ यूनिटी’ के नारे लगाए गए। इसके बाद अधिवक्ताओं ने एमजी रोड पर दौड़ लगाकर अपनी मांग को दोहराया। यह मांग 1966 से चली आ रही है, लेकिन अब इसे और अधिक मजबूती के साथ सामने लाया जा रहा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि खंडपीठ की स्थापना क्षेत्रीय न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाएगी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश जनमंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह ने कहा कि अब तक इस मांग के लिए धरना प्रदर्शन और रैलियां होती थीं। लेकिन अब इसे एक अलग रूप दिया गया है। ‘रन फॉर एडवोकेट यूनिटी’ अभियान के तहत इस आंदोलन को और व्यापक बनाया गया है। पहले चरण में दीवानी परिसर में प्रभातफेरी निकाली गई और एमजी रोड पर दौड़ लगाई गई। इसका उद्देश्य लोगों का ध्यान खींचना और इस मांग को सरकार तक पहुंचाना है।

27 दिसंबर को होगा दूसरा चरण

अधिवक्ताओं ने बताया कि आंदोलन का दूसरा चरण 27 दिसंबर को शुरू होगा। इस चरण में सदर तहसील के अधिवक्ता दौड़ लगाएंगे। इसके साथ ही जिला मुख्यालय और अन्य तहसीलों पर भी दौड़ का आयोजन होगा। यह दौड़ आंदोलन को एकजुटता का प्रतीक बनाकर लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास करेगी।

इस अभियान में वीरेंद्र फौजदार, फूल सिंह चौहान, पवन कुमार गुप्ता, बंगाली शर्मा, गिर्राज रावत, जीतेन चौहान, आकाश चाहर, विजय बघेल, चौधरी विशाल सिंह, श्याम सुंदर उर्फ प्रशांत सिकरवार, राजवीर सिंह यादव, उदयवीर सिंह और प्रदीप चाहर समेत कई प्रमुख अधिवक्ताओं ने भाग लिया।

खंडपीठ की मांग क्यों है जरूरी

अधिवक्ताओं का कहना है कि आगरा में खंडपीठ की स्थापना से क्षेत्र के लाखों लोगों को फायदा होगा। यहां के लोगों को न्याय पाने के लिए इलाहाबाद या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय और पैसे की बचत होगी और न्याय प्रक्रिया तेज होगी। अधिवक्ताओं ने बताया कि यह मांग पिछले 58 सालों से की जा रही है, लेकिन अब इसे आंदोलन के नए रूप के साथ और ज्यादा मजबूती दी जा रही है।

‘रन फॉर एडवोकेट यूनिटी’ के तहत छह तहसीलों और जिला मुख्यालय पर दौड़ का आयोजन होगा। यह आंदोलन न केवल अधिवक्ताओं के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी है। खंडपीठ की स्थापना से न्यायिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी और लोगों को त्वरित न्याय मिल सकेगा।

इस आंदोलन में युवाओं और सीनियर अधिवक्ताओं दोनों का समर्थन मिल रहा है। उनका मानना है कि यह प्रयास सरकार पर दबाव बनाएगा और खंडपीठ की मांग जल्द पूरी होगी। अधिवक्ता इस अभियान को और भी बड़ा करने की योजना बना रहे हैं।

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