आगरा के मोती कटरा इलाके में मेट्रो ट्रेन के लिए हो रही खुदाई से लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। सुरंग निर्माण के चलते इलाके के कई मकानों में बड़ी दरारें आ गई हैं। दीवार, छत और फर्श में आई इन दरारों के कारण मकानों के ढहने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं, सबमर्सिबल पंप खराब होने और गंदा पानी आने से लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। कई लोग अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां या किराए के मकानों में रहने को मजबूर हो गए हैं।
घर छोड़ने को मजबूर लोग
मोती कटरा के रहने वाले अर्पित जैन ने बताया कि मेट्रो की खुदाई की वजह से उनके घर की दीवारें, छत और फर्श बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पूरा मकान अब जैक और लोहे की बल्लियों पर टिका हुआ है। उन्होंने डर के कारण अपना घर छोड़ दिया है और अब अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं।
लक्ष्मी नारायण वर्मा का कहना है कि हालात इतने खराब हो गए हैं कि उनके परिवार को विजय नगर कॉलोनी में किराए पर जाना पड़ा है। मेट्रो की टीम ने उनके घर में मरम्मत के लिए बल्लियां और जैक लगाए हैं, लेकिन इससे स्थायी समाधान नहीं हो रहा।
सबमर्सिबल पंप खराब और गंदा पानी बड़ी परेशानी
गौरी वर्मा, जो मोती कटरा में ही रहती हैं, ने बताया कि उनके घर का दो मंजिला मकान लगातार दरारों से प्रभावित हो रहा है। ऊपर से पानी की समस्या ने जीना मुश्किल कर दिया है। सबमर्सिबल से गंदा और मटमैला पानी आ रहा है। कई सबमर्सिबल पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
पुनीत जैन ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या विकराल हो चुकी है। जिन घरों के सबमर्सिबल काम कर रहे हैं, उनमें भी पानी में मिट्टी आ रही है। बाजार से बोतलबंद पानी खरीदने के अलावा कोई चारा नहीं है।
151 मकानों में आई दरारें, मरम्मत जारी
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के उप महाप्रबंधक पंचानन मिश्रा ने बताया कि पांच विभागों की टीम ने इलाके का निरीक्षण किया है। कुल 151 मकानों में दरारें चिन्हित की गई हैं। मरम्मत कार्य तेज कर दिया गया है, और मजदूरों की संख्या बढ़ाकर 150 कर दी गई है। जिन मकानों में मरम्मत का काम पूरा हो रहा है, वहां मकान मालिकों से लिखित में संतुष्टि पत्र लिया जा रहा है।
स्थायी समाधान की मांग
इलाके के लोगों का कहना है कि मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रभावित मकानों की पूरी तरह मरम्मत की जाए और सबमर्सिबल पंप की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
दहशत में लोग, घर छोड़ने की मजबूरी
अर्पित जैन और अन्य प्रभावित लोगों ने बताया कि मकानों की बिगड़ती हालत और सबमर्सिबल की समस्या के चलते यहां रहना मुश्किल हो गया है। कई परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। उन्होंने मेट्रो अधिकारियों से अपील की है कि जल्द से जल्द स्थायी समाधान किया जाए ताकि उन्हें वापस अपने घर लौटने का भरोसा मिल सके।
परिणामस्वरूप जीवन प्रभावित
मेट्रो निर्माण ने इलाके के निवासियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। मकानों में दरारें, पानी की किल्लत और अस्थायी मरम्मत ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि वे हर संभव मदद कर रहे हैं, लेकिन लोग स्थायी समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
