बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये दान करने की शपथ देने वाले बिल्डर प्रखर गर्ग पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है। मथुरा में मंदिरों से जुड़ने के जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश में लगे प्रखर गर्ग की असलियत कुछ और ही निकली। वह अब तक कई धोखाधड़ी और चेक बाउंस के मामलों में फंसा हुआ है।
प्रखर गर्ग ने पहली बार सुर्खियां तब बटोरीं, जब मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये एकत्रित करने का शपथपत्र हाईकोर्ट में दाखिल किया। हालांकि, इस वादे के पीछे का मकसद केवल अपनी कानूनी और सामाजिक छवि सुधारना था। वह मथुरा के प्रतिष्ठित मंदिरों और प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आकर अपने ऊपर दर्ज मामलों को निपटाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन ईडी की छापेमारी के बाद यह बिल्डर फरार हो गया।
धोखाधड़ी और चेक बाउंस का मामला
प्रखर गर्ग पर कई गंभीर आरोप हैं। हरीपर्वत थाने में बैटरी कारोबारी अरुण सौंधी ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है कि कमला नगर स्थित जी होटल के दो मंजिलों को खरीदने का सौदा हुआ था, लेकिन प्रखर ने पैसे नहीं दिए। इसी तरह, वर्ष 2020 में एमजी रोड की संपत्ति में 2.16 करोड़ रुपये हड़पने और अपने कर्मचारी से एक करोड़ रुपये की ठगी के भी आरोप लगे हैं।
प्रखर गर्ग के खिलाफ वर्ष 2019 से 2023 तक चेक बाउंस के 21 मामले दर्ज हुए। इनमें से कई मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। नवंबर 2022 में चेक बाउंस के एक मामले में उन्हें जेल भी भेजा गया था।
मंदिरों से जुड़ाव और सुर्खियां बटोरने की कोशिश
प्रखर गर्ग ने अपनी विवादित छवि को सुधारने के लिए मंदिरों का सहारा लिया। बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ का शपथपत्र देकर वह धार्मिक गतिविधियों में रुचि दिखाने लगे। मंदिरों के शिलान्यास और जीर्णोद्धार से जुड़कर उन्होंने सुर्खियां बटोरने की कोशिश की। लेकिन इन सबके पीछे उनका मकसद कानूनी मामलों को निपटाने के लिए प्रतिष्ठित लोगों का सहयोग पाना था।
ईडी की छापेमारी और फरारी
ईडी की टीम ने जब प्रखर गर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की, तो वह फरार हो गया। हरीपर्वत पुलिस का कहना है कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी और चेक बाउंस के कई मामले दर्ज हैं। इन मामलों में पुलिस विवेचना कर रही है। वहीं, प्रखर गर्ग की पत्नी राखी गर्ग और अन्य सहयोगियों पर भी आरोप हैं।
क्या हैं आरोप?
- बैटरी कारोबारी से नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।
- एमजी रोड की संपत्ति में 2.16 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप।
- अपने कर्मचारी से एक करोड़ रुपये की ठगी।
- चेक बाउंस के 21 मामले दर्ज।
- कागजी संपत्तियों की धोखाधड़ी के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल।
चेक बाउंस के मामलों में रिकॉर्ड
प्रखर गर्ग के खिलाफ 138 एनआई एक्ट के तहत दर्ज 21 मामलों में अधिकांश चेक बाउंस के आरोप हैं। बिल्डर पर आरोप है कि उसने संपत्ति और लेन-देन के नाम पर बड़ी रकम ली, लेकिन चेक बाउंस हो जाने के कारण पीड़ितों को नुकसान उठाना पड़ा।
पुलिस और ईडी की कार्रवाई
पुलिस और ईडी प्रखर गर्ग की संपत्तियों और बैंक खातों की जांच में जुटी हैं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामलों में नई जानकारियां सामने आ रही हैं। ईडी का कहना है कि प्रखर गर्ग के अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की जाएगी।
