ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप, आगरा में 22 डंपर जब्त, बड़ा सिंडिकेट बेनकाब – tajupdate.in
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ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप, आगरा में 22 डंपर जब्त, बड़ा सिंडिकेट बेनकाब

आगरा में गुरुवार रात पुलिस की कार्रवाई ने खनन माफिया के बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर दिया। चार घंटे चले इस ऑपरेशन में राजस्थान और मध्य प्रदेश से आए 22 डंपर पकड़े गए। ये डंपर गिट्टी और बालू भरकर बिना अनुमति उत्तर प्रदेश की सीमा में दाखिल हो रहे थे। पुलिस ने इन डंपरों की नंबर प्लेट छिपी हुई पाई। कुछ नंबर प्लेट को मिट्टी और गोबर से ढक दिया गया था ताकि पहचान छिपाई जा सके।

सदर एरिया में गुरुवार रात करीब 11 बजे एसीपी विनायक भोसले ने आगरा क्लब चौराहे पर चेकिंग शुरू की। अचानक तीन डंपर आए, जो जाम का कारण बन रहे थे। जब उनसे दस्तावेज मांगे गए, तो ड्राइवर पास नहीं दिखा सके। इसी बीच और तीन डंपर भी आ गए। पुलिस ने सभी को रोक लिया। पूछताछ में पता चला कि बड़ी संख्या में डंपर राजस्थान और मध्य प्रदेश से आगरा की सीमा में घुस रहे हैं।

पुलिस ने तत्काल ग्वालियर मार्ग पर नाकाबंदी कर दी। रोहता नहर और बुंदू कटरा जैसे इलाकों से 16 डंपर और पकड़े गए। सभी डंपरों को खनन विभाग की टीम के हवाले कर दिया गया। इनके खिलाफ चालान काटे गए और आगे केस दर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है।

व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल और गूगल लोकेशन की मदद

खनन माफिया ने हाईटेक तरीके से पुलिस से बचने का जाल फैला रखा है। ग्वालियर और धौलपुर के सिंडिकेट्स ने डंपर चालकों को हर ट्रिप के लिए 600 रुपये देने का लालच दे रखा है। ये माफिया व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए चालकों को अलर्ट करते हैं। जहां कहीं पुलिस चेकिंग चल रही होती है, तुरंत मैसेज भेजकर रूट बदलने की सलाह दी जाती है। सरगना के आदमी एक कार में आगे चलते हैं और पुलिस मूवमेंट पर नजर रखते हैं।

डंपर चालकों को केवल माल का गंतव्य स्थान और ग्राहक का मोबाइल नंबर दिया जाता है। ये ड्राइवर गूगल लोकेशन का इस्तेमाल कर सही जगह पर सामान पहुंचाते हैं। रातभर ये ड्राइवर 3-4 चक्कर लगाकर गिट्टी और बालू पहुंचा देते हैं।

राजस्व को भारी नुकसान और खतरनाक हमले

इन माफियाओं की वजह से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। सैंया और खेरागढ़ क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन का खेल लंबे समय से चल रहा है। डंपर चालक नंबर प्लेट छिपाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं।

खनन माफिया के इशारों पर काम करने वाले ड्राइवरों और पुलिस के बीच कई बार झड़पें हो चुकी हैं। सैंया और खेरागढ़ में पुलिस पर हमले के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। तीन साल पहले एक सिपाही की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि दरोगा घायल हो गए थे।

डीसीपी सिटी सूरज राय का कहना है कि यह अभियान लगातार चलता रहेगा। 22 डंपर पहले ही जब्त किए जा चुके हैं। खनन माफिया पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

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